भज गोविन्दं २: श्लोक १
भज गोविन्दम् भज गोविन्दम् गोविन्दम् भज मूढमते | सम्प्राप्ते सन्निहिते काले नहि नहि रक्षति डुक्रिञ्करणे || हे मूर्ख, अज्ञानी मानवा, (मूढ माणसा)!
भज गोविन्दम् भज गोविन्दम् गोविन्दम् भज मूढमते | सम्प्राप्ते सन्निहिते काले नहि नहि रक्षति डुक्रिञ्करणे || हे मूर्ख, अज्ञानी मानवा, (मूढ माणसा)!